
न्यूनतम बस किराए को दोगुना करने पर शिमला में सीपीएम का प्रदर्शन, बोले सुख की नहीं दुख की सरकार बन गई है कांग्रेस, गरीबों पर बोझ डालने वाले हो रहे निर्णय, सीपीआईएम करेगी बड़ा आंदोलन।
न्यूनतम बस किराए को दोगुना करने और अस्पतालों में पर्ची के 10 रुपए लेने की चर्चा को लेकर सीपीआईएम ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीपीआईएम ने शिमला उपायुक्त कार्यकाल के बाहर केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और न्यूनतम किराए में वृद्धि के फैंसले को वापिस लेने की मांग की। रसोई गैस के दामों में हुई वृद्धि और पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी का भी सीपीआईएम ने विरोध जताया और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
सीपीआईएम लोकल कमेटी के सचिव जगत राम ने कहा कि प्राइवेट बस ऑपरेटर के दबाव में आकर न्यूनतम बस किराया 5 से 10 रुपए किया गया है। सरकार ने प्राइवेट बस ऑपरेटरों के आगे घुटने टेक कर जनता पर भारी आर्थिक बोझ डाला है। इसके अलावा पहली अप्रैल से पानी के बिलों और गार्बेज बिलों में 10% की बढ़ोतरी की गई है। सरकार अस्पतालों में रोगियों के जो टेस्ट पहले मुफ्त में किए जाते थे अब सरकार उनका पूरा चार्ज वसूलने व पर्ची बनाने के 10 रुपए लेने की तैयारी कर रही है जो हरगिज बर्दाश्त नहीं होगा।प्रदेश सरकार कहती है कि यह सुख की सरकार है जबकि यह सुख की सरकार नहीं जनता को दुख देने वाली सरकार है।केंद्र सरकार रसोई गैस सिलेंडर,पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को वापिस ले। यदि मांगों को पूरा नहीं किया तो सीपीएम इन मांगों को लेकर जबरदस्त आंदोलन करेगी